श्रापो को तोड़ने कि प्रार्थना



इंसान अपने कर्मों से अपनी तकदीर लिखता है और कर्मों के आधार पर ही वह अपने भविष्य का निर्माण करता है. लेकिन इस प्रक्रिया में जाने-अनजाने कुछ ऐसे दुष्कर्म हो जाते हैं, जिनके चलते इंसान किसी न किसी श्राप का भागी बन जाता है.
क्या होता है श्राप:-

 इस संसार में कई तरह के श्राप होते हैं और ये कई अलग-अलग कारणों से पैदा हो जाते हैं. जब व्यक्ति को दुष्कर्मों के फल का कारण और निवारण पता न हो तो यह श्राप कहा जाता है. श्राप को एक निश्चित अवधि तक भोगना पड़ता है और कभी-कभी यह बहुत कठोर होता है आपके जीवन मे आशीष का अभाव होना श्राप है 

चलो देखते हैं की बाइबिल हमें श्राप के बारे में क्या बताती हैं आखिर श्राप हैं क्या।

हमारे पुरखाओं ने पाप किया, ओर मर मिटे हैं; परन्तु उनके अधर्म के कामों का भार हम को उठाना पड़ा है।
(विलापगीत 5:7)
1.यहाँ पे लिखा गया हैं की हमारे पूर्वजो ने जो अधर्म के काम करके श्रापित हुए हैं उनके श्रापो का भार हमपे लाद दिया गया हैं। जब हम मसीह में नही होते हैं तो हमारे ऊपर चार पीढ़ी यानी की 30 लोगो पर श्राप रहता हैं।

2.श्राप जिनमे आता हैं वो कैसा रहता हैं।
चलो बाइबिल में देखते हैं क़ि बाइबिल क्या बताती हैं श्राप के बारे में जिनके ऊपर श्राप हैं उसकी हालत कैसी हैं।
वह निर्जल देश के अधमूए पेड़ के समान होगा और कभी भलाई न देखेगा। वह निर्जल और निर्जन तथा लोनछाई भूमि पर बसेगा।
(यिर्मयाह 17:6)

बाइबिल बताती हैं जिनके अंदर श्राप हैं वह आधा मरा हुआ हैं। और कभी भलाई नही देखेगा।

3.क्या श्राप लंबे समय तक रहता हैं?
चलो देखते हैं बाइबिल क्या बताती हैं की क्या श्राप लंबे समय तक रहती हैं।
फिर उसी समय यहोशू ने इस्राएलियों के सम्मुख शपथ रखी, और कहा, कि जो मनुष्य उठ कर इस नगर यरीहो को फिर से बनाए वह यहोवा की ओर से शापित हो। जब वह उसकी नेव डालेगा तब तो उसका जेठा पुत्र मरेगा, और जब वह उसके फाटक लगावाएगा तब उसका छोटा पुत्र मर जाएगा।
(यहोशू 6:26)

चलो आगे देखते हैं इस श्राप के कारण क्या होता हैं और बाइबिल क्या बताना चाहती हैं। 500 साल के बाद
उसके दिनों में बेतेलवासी हीएल ने यरीहो को फिर बसाया; जब उसने उसकी नेव डाली तब उसका जेठा पुत्र अबीराम मर गया, और जब उसने उसके फाटक खड़े किए तब उसका लहुरा पुत्र सगूब मर गया, यह यहोवा के उस वचन के अनुसार हुआ, जो उसने नून के पुत्र यहोशू के द्वारा कहलवाया था।
(1 राजा 16:34)


देखो भाइयो और बहनो बाइबिल भी बताती हैं की श्राप लंबे समय तक रहता हैं।
चलो एक वचन और देखते हैं।
हे गिलबो पहाड़ो, तुम पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो, और न भेंट के योग्य उपज वाले खेत पाए जाएं
(2 शमूएल 1:21)

हे गिलबो पहाड़ो, तुम पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो, और न भेंट के योग्य उपज वाले खेत पाए जाएं।
आज भी गिलबो पहाड़ो पर ना ही ओस पड़ी हैं न ही वर्षा हुई हैं।
देखो श्राप बहोत दिनों तक रहता हैं।
इसलिए प्रभु कहता हैं,,,
मेरा ज्ञान न होने के कारन मेरी प्रजा नष्ट हो गई
होशे (4:6)
फिर प्रभु कहता हैं ,,,,,
तुम सत्य को जानो और सत्य तुम्हे स्वतंत्र करेगा।
(युहन्ना 8:32)


4.श्राप कैसे लोगो पर पड़ता हैं।
चलो बाइबिल क्या कहती हैं देखते हैं।
जैसे गौरिया घूमते घूमते और सूपाबेनी उड़ते-उड़ते नहीं बैठती, वैसे ही व्यर्थ शाप नहीं पड़ता।
(नीतिवचन 26:2)

यहाँ पर बाइबिल बताती हैं की यदि हमारी कोई गलती ना रहे और कोई श्राप देता है तो श्राप नही लगता हैं।

5. तुम्हारा चुनाव क्या हैं?
आइये देखते हैं प्रभु हमसे क्या कहता हैं।
मैं आज आकाश और पृथ्वी दोनों को तुम्हारे साम्हने इस बात की साक्षी बनाता हूं, कि मैं ने जीवन और मरण, आशीष और शाप को तुम्हारे आगे रखा है; इसलिये तू जीवन ही को अपना ले, कि तू और तेरा वंश दोनों जीवित रहें;
(व्यवस्थाविवरण 30:19)

यहाँ पे प्रभु कहता हैं की जीवन मरण आशीष श्राप आपके सामने हैं। लेकिन इन चारो में से जीवन को चुनने को कहता हैं। इसलिए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो किसी को भी श्राप मत दो।
क्यूक़ि,,,,,,,
जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं और जो कोई उसे काम लाना जानता हैं वह उसका फल भोगेगा।
इसलिए यदि आप किसी को श्राप देते हो तो आपको उसका फल नरक मिलेगा इसलिए मैं आप सभी से हाथ जोड़कर विनती करता हूँ किसी को श्राप ना दो। क्योंकि जीभ के वश में जीवन और मृत्यु हैं।
आइये देखते हैं बाइबिल क्या कहती हैं जीभ के बारे में।।
वहां से वह बेतेल को चला, और मार्ग की चढ़ाई में चल रहा था कि नगर से छोटे लड़के निकलकर उसका ठट्ठा कर के कहने लगे, हे चन्दुए चढ़ जा, हे चन्दुए चढ़ जा।
तब उसने पीछे की ओर फिर कर उन पर दृष्टि की और यहोवा के नाम से उन को शाप दिया, तब जंगल में से दो रीछिनियों ने निकल कर उन में से बयालीस लड़के फाड़ डाले।
(2 राजा 2:23-24)

देखो यहाँ पे एलिशा करके प्रभु का दास था उन बच्चों को श्राप दिया और वे मर गए। इसलिए आप किसी को श्राप मत दो क्योंकि
इसी से हम प्रभु और पिता की स्तुति करते हैं; और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्वरूप में उत्पन्न हुए हैं श्राप देते हैं।
एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं।
हे मेरे भाइयों, ऐसा नहीं होना चाहिए।
(याकूब 3:9-11)

अगर फिर भी आप किसी को श्राप देते हो तो प्रभु कहता हैं की।।
जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातो के करने में स्थिर नही रहता वह श्रापित हैं।
(गलतियों 3:10)

अगर आप व्यवस्था यानी बाइबिल में लिखी हुई बातो को नही मानते या फिर उसपे नही चलते हैं तो आप श्रापित हैं।

अगर आपको भी लगता है कि, आप आशीषित नहीं है और श्राप आपके जीवन पर है तो यह प्रार्थना करें 

प्रार्थना :-

पिता परमेश्वर मै आपके पवित्र चरणों में आता/आती हूँ मैं आप से प्रार्थना करता/करती हूँ कि यदि किसी प्रकार कोई श्राप मेरे जीवन पर प्रभाव डाल रहा है तो मैं यीशु मसीह के नाम से उसे नकारता हूँ / नकारती हूँ

.यदि कोई श्राप मेरे खुद के कामो या पापो के द्वारा मुझ पर आ गया है तो उन कामों और पापो के लिए पिता परमेश्व्रर मै माफ़ी मांगता/मांगती हूँ और मैं प्रार्थना करता/करती हूँ कि ऐसे सब श्रापो को यीशु मसीह के नाम से मुझ पर से हटा दो

.यदि किसी ने जलन ,ईर्ष्या या द्वेश के कारण मुझे कोई श्राप दिया है जो मेरे जीवन पर प्रभाव डाल रहा है तो उसे यीशु मसीह् के साम्रथी नाम से तोड़ता/तोड़ती हूँ 

.यदि किसी प्रभु के जन के मुंह से मेरे लिए कोई श्राप या नकारात्मक बात निकली जिस कि वजह से मेरे जीवन पर कोई श्राप आ रहा है तो मैं उसे यीशु मसीह के नाम से तोड़ता/तोड़ती हूँ 

.यदि किसी ने क्रोध मे आकर मुझे कोई श्राप् दिया है तो मैं उसे यीशु मसीह के नाम से तोड़ता/ तोड़ती हूँ

यदि कोई ऐसी जगह जहां मुझे नहीं जाना था और मैं गया /गयी और वहां जाने से मेरे जीवन में कोई श्राप आया है तो मैं यीशु मशीह के नाम से तोड़ता हूँ /तोड़ती हूँ 

.यदि मैंने कोई ऐसी ऐसी चीज़ खाई है जो मुझे नहीं खानी चाहिये थी और उसके खाने से मेरे जीवन पर कोई श्राप आया है तो मैं उसे यीशु मसीह के नाम से तोड़ता/तोड़ती हूँ 

.यदि ऐसी कोई बात मेरे मुँह से निकली है जो मेरे जीवन पर श्राप ले आई है तो मैं उसे नकारता /नकारती हूँ और उन श्रापो को मैं यीशु मसीह नाम से तोड़ता/तोड़ती हूँ

.यदि कोई मेरे रिस्तेदारो या घर के सद्स्यो के मुँह से ऐसी कोई बात निकली है जो मेरे जीवन पर श्राप ले आई है तो मैं उन श्रापो को यीशु मसीह के नाम से तोड़ता/तोड़ती हूँ

. हर एक शपथ, व्रत, प्रण, कसम, संधि को जो मैंने शैतान के साथ बनायीं है, यीशु मसीह के नाम से तोड़ता/तोड़ती हूँ

.मै हर बीमारी और रोग के श्राप को तोड़ता हूँ और आज्ञा देता हूँ बीमारियों को मेरा शरीर छोड़कर इसी वक़्त यीशु मसीह के नाम से निकल जा 

.मै हर एक श्राप जो शैतान के दूतो ने मेरे विरुद्ध गुप्त में बोले है, उन्हे मै यीशु मसीह के नाम से तोड़ता/तोड़ती हूँ

.परमेश्वर, मेरे जीवन में बोले गए हर श्रापो को आशीष में बदल दे (नेह्म्याह 13:2)


आपका वचन कहता है कि आपने हमें आशीष के वारिस होने के लिए बुलाया है इसलिए आपकी आशीष ही मेरे जीवन आए और किसी भी श्राप का अधीकार मेरे जीवन पर न रहने पाए आप मुझे यीशु मसीह के लहू से धोखर शुद्ध करें केवल आपके पवित्र आत्मा का अधिकार मेरे जीवन में रहने पाये ! मैं यीशु मसीह के लहू उसके जी उठने की सामर्थ को अपने जीवन में घोषिना करता/ करती हूँ यीशु मसीह के नाम से आमीन


वन्शानुगत श्रापो को तोड़ने कि प्रार्थना:-

.सर्वशाक्तिमान् पिता परमेश्वर यीशु मसीह के नाम से आपके पवित्र चरनो मे आता /आती हूँ मैं आपसे प्रार्थना करता /करती हूँ कि मेरे जीवन पर यदि कोई श्राप मेरे पूर्वजो के पापो के कारण आ रहा है तो कृपया मुझे इन सब श्रापो से मुक्त करें मैं अपने पुर्वजो के पापो के लिए आप से माफ़ी मांगता /मांगती हूँ मेरे जीवन पर मेरे पूर्वजो के किसी पाप के कारण श्राप न आये मैं प्रभु यीशु मसीह के नाम से मेरे जीवन पर मेरे पुर्वजो के कारण आए हुए हर एक श्राप को तोड़ता/तोड़ती हूँ मैं अपने जीवन को यीशु मसीह के लहू मे डकता /डकती हूँ मैं प्रार्थना करता/करती हूँ कि प्रभु यीशु मसीह के लहू के द्वारा मेरे जीवन के हर श्राप टूट जाए और मेरे जीवन से दूर हो जाए और आज के बाद कोई भी श्राप मेरे जीवन पर नियन्त्रन ना करने पाए ! 

.मै पीढ़ियों से आये हुए हठिपन को तोड़ता हूँ जो पवित्र आत्मा को मेरे जीवन में आने से रोक रहा है (प्रेरित 7:51)

मेरा जीवन यीशु मसीह के नाम,लहू और पवित्र् आत्मा की सहभागिता से केवल आशीषित ही होने पाए इस प्रार्थना को यीशु मसीह के सामर्थी नाम मे मांगता/मांगती हूँ.

आमीन

नोट: यह प्रार्थना आपके द्वारा द्रढ़ता से बोली जाए


 प्रेरित :नरेश कुमार ज़ी 


अगर आपको इस वचन से आशीष मिली है तो कृपया टिपणी कर जरूर बातये 


Previous
Next Post »

5 Comments

Click here for Comments
Unknown
admin
9 जून 2021 को 5:45 pm बजे ×

इस प्रार्थना के लिये आपका धन्यवाद |

Reply
avatar
Unknown
admin
18 सितंबर 2021 को 9:41 am बजे ×

मेरे जीभ में कैंसर‌‌ है मेरेलिये प्राथना करे की
मेरा कैंसर ठीक हो जाए।मैं बहुत परेशान हू की मेरा दो बार आपरेशन हो चुका है फिर भी ठीक नहीं हुआ है हे परमेश्वर हम। पर कृपा करें धन्वाद

Reply
avatar
Unknown
admin
17 जुलाई 2022 को 3:34 am बजे ×

Please hume curses ko todne k liye koi pastor de ya prathna kre

Reply
avatar

ConversionConversion EmoticonEmoticon

:)
:(
=(
^_^
:D
=D
=)D
|o|
@@,
;)
:-bd
:-d
:p
:ng